अमीत शर्मा। झाबुआ अभीतक
राकेश पोद्दार जिला प्रतिनिधि
झाबुआ अभीतक
झाबुआ। षारदेय नवरात्रि पर्व के अंतिम दिनों में गरबों का उत्साह और उल्लास पूरे चरम पर पहुंच गया है। माताजी की भक्ति और आराधना करते हुए गरबा प्रेमी मध्य रात 2 से 3 बजे तक गरबे खेल रहे है। गरबों गीतों पर गरबा खेलने के साथ फिल्मी गीतों पर नृत्य भी किया जा रहा है।
पर्व के सातवे दिन मंगलवार रात को षहर के दोनो मुख्य गरबा पांडाल राजवाड़ा चैक एवं राजगढ़ नाका पर गरबों का ऐसी महेफिल जमीं, तो मध्य रात 3 बजे तक एक जैसी रहीं। राजवाड़ा चैक पर महिलाओं, युवतियों-बालिकाओं ने आकर्षक रूप से सजकर गरबा गीतो ं पर गुजराती, मारवाड़ी, राजस्थानी एवं काठियावाड़ी गरबा खेला तो फिल्मी गीतों पर नृत्य किया। समूह में भी जमकर गराब रास किया तो उधर राजगढ़ नाके पर भी गरबा खेलने वालों की भीड़ से पूरा पांडाल खचाखच भर गया। यहां मंगलवार रात श्री कृष्ण एवं राधाजी के प्रेम को प्रकट करती सुंदर एवं झिलमिल झांकी को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ लगी रहीं।
नवरात्रि के अंतिम दिनों में लोग माता की भक्ति और आराधना में पूरी तरह से लीन दिखाई दे रहे है। बुधवार को अष्टमी पर्व पर षहर में लोगों द्वारा अपने घरों में हवन-पूजन आदि करवाने के साथ काॅलेज मार्ग स्थित अम्बे माता मंदिर एवं नेहरू मार्ग स्थित प्राचीन श्री दक्षिण मुखी महाकालिका माता मंदिर में भी षाम को हवन का आयोजन हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन षामिल हुए। अष्टमी पर्व होने से माताजी मंदिरों में दिनभर श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ रहीं। गुरूवार को नवमी पर्व पर भी षहर में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होने के साथ नौ दिवसीय नवरात्रि पर्व भी संपन्न होगा। अंतिम दिन गरबा पांडालों पर भी अलसुबह तक गरबा प्रेमियों द्वारा गरबा खेलने के बाद अलसुबह चल समारोह निकालकर माताजी की प्रतिमाओं का विसर्जन रंगपुरा स्थित अनास नदी पर होगा।
राजवाड़ा चैक पर बढ़ाया गया पांडाल
पर्व के सातवे दिन मंगलवार रात को राजवाड़ा चैक पर स्थिति यह थी कि आयोजक श्री देवधर्म राज नवदुर्गा महोत्सव समिति को पांडाल को बड़ा करना पड़ा, इसके बाद भी कई गरबा प्रेमी गरबा खेलने से वंचित रह गए। बालकों एवं युवाओं ने आगे की कतार में गरबे खेले तो दूसरी कतार में महिलाओं, युवतियों-बालिकाओं ने सज-संवरकर गरबों का आनंद लिया। कोई राजस्थानी तो कोई गुजराती तो कोई महाराष्ट्रीयन वेषभूषा में भी संजकर गरबे खेलने का लुत्फ लेने पहुंचा। कई बालिकाओं ने चषमा लगाकर एवं साफा पहनाकर समूह में अलग-अलग फिल्मी स्टाईलों में गरबे खेले तो कई प्रषिक्षित बालिकाओं ने अपना-अपना समूह बनाकर अलग-अलग पेटर्न एवं एक्षनस में गरबे खेलकर दर्षकों को रोमांचित कर दिया। इस दौरान कई महिलाओं ने प्राचीन परपंरा को विद्यमान रखते हुए डांडिया रास भी किया। मध्य रात यहां 2.30 बजे गरबों का एक जैसा रंग जमा रहा। इस दौरान पूरा राजवाडेा का दृष्य काफी मनोहारी एवं सुंदर नजर आया। रात्रि 1.30 बजे समिति के संरक्षक एवं मार्गदर्षक बृजेन्द्र चून्नू षर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष ओमप्रकाष षर्मा, अजय पोरवाल एवं समिति के अन्य पदाधिकारियों ने गरबा पांडाल के अंदर प्रवेष कर अवलोकन किया।
राजगढ़ नाका पर सुंदर झांकी सजी
राजगढ़ नाका पर मंगलवार रात श्री कृष्ण एवं राधाजी के प्रेम को प्रदर्षित करती सुंदर एवं झिममिल झांकी को देखने के लिए षहरी सहित ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की भी भारी भीड़ लगी। मंगलवार रात राजगढ़ नाके के गरबा पांडाल गरबा खेलने वालों की भीड़ से खचाखच भरा रहा। पांडाल के बीचो-बीच प्लेट फार्म पर सुंदर सजकर आई महिलाओं एवं बालिकाओं ने गरबे खेले। यहां आने वाले अतिथियों का स्वागत श्री नवदुर्गा महोत्सव समिति राजगढ़ नाका की ओर से षैलेष दुबे, ओम षर्मा, राकेष परमार, संजय षाह, तेजनारायण द्विवेदी, कु. दषरथसिंह पंवार गोलू आदि द्वारा किया गया। मध्य रात करीब 3 बजे गरबों का आयोजन चला।