अमित शर्मा (झाबुआ अभीतक)
झाबुआ। अखिल भारतीय साहित्य परिषद एवं आजाद साहित्य कला मंच के बैनर तले जिला पेंशनर्स एसोसिएशन एवं वरिष्ठ नागरिक फोरम कार्यालय में ‘‘हिन्दी दिवस’’ के अवसर पर विचार एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आयोजक परिषद के अध्यक्ष भेरूसिंह चौहान ‘‘तरंग’’ थे। पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रतनसिंह राठौर के मार्गदर्शन में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर माँ सरस्वती के चित्र पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इतिहासविद साहित्यकार डॉ.के.के. त्रिवेदी, साहित्यकार अरविंद व्यास, अध्यक्षता डॉ. अंजना मुवेल, डॉ. वाहिद फराज, ने माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवल कर कार्यक्रम का शुम्भारम्भ किया साथ ही उपस्थित साहित्यकार गणमान्य नागरिको ने भी पुष्प अर्पित किए। सरस्वती वंदना गोपालसिंह चौहान ने प्रस्तुत की।
इस अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद के वार्षिक ‘‘हिन्दी गौरव’’ सम्मान’’ 2018 से प्रख्यात अन्तर्राष्ट्रीय साहित्यकार डॉ. रामशंकर ‘‘चंचल’’ को अलंकरण भेंट कर अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर डॉ. के.के. त्रिवेदी ने कहा कि हिन्दुस्तान की सीमाओं में रहने वाले सभी नागरिक हिन्दु है और हिन्द की भाषा हिन्दी है। उन्होंने बतया कि मेरे देश की तीन पहचान हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान है। अरविंद व्यास ने कहा कि - हिन्दी का स्वरूप व्यापक बनाने के लिए आवश्यक है अन्य भाषाओं के शब्दो के समावेश को स्वीकृति मिले। भेरूसिंह चौहान ‘‘तरंग’’ ने स्वरचित गीत हिन्दी का गौरव बढ़ाते चलो हिन्दी पढ़ों और पढ़ाते रहो’’ सुनाकर वाहवाही लुटी। अरविन्द व्यास एवं डॉ. चंचल ने भी अपनी काव्य रचनाएं प्रस्तुत की। डॉ. अंजना मुवेल एवं लोकेन्द्रसिंह चौहान ने घर-घर पर चहकती गौरेया तथा बचपन की उन्मुक्तता पर मधुर कविताएं प्रस्तुत की डॉ. वाहिद फराज ने माँ पर श्रेष्ठ रचना की प्रस्तुती दी। एजाज नाजी धारवी ने गजल मधुर कण्ठ से सुनाई। आर0डी0 बैरागी ‘‘उधार’’ ने हिन्दी हमारा परिचय निश्चय, ओ.पी. बैरागी ‘‘अभिलाष’’ ने हिन्दी की हिन्दी हमने खुब संवारी है, श्रीमती मंगला गरवाल ने मैं जो आज हूं हसरत नहीं हकीमत हूं, कुलदीपसिंह पंवार ने हिन्दी है माथे की बिंदी, तुषार राठौर एवं जयेन्द्र बैरागी ने भी कविता सुनाई कार्यक्रम का सफल संचालन काव्य पाठ के साथ ही साहित्यकार पी0डी0 रायपूरिया एवं आभार व्यक्त करते हुए भेरूसिंह चौहान ‘‘तरंग’’ ने बताया कि हिन्दी भाषा मनुष्य को मनुष्य से जोडती है।। इस अवसर पर बालमुकुन्द सिंह चौहान, मोहनलाल राठौड़, श्रीनाथ सिंह चौहान, सैयद समीउद्दी शेख, भागीरथ सतोगिया, सहित गणमान्य नागरिक एवं हिन्दी साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।