अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में कवियों ने देर रात्रि तक बांधे रखा श्रोताओं को,, सार्वजनिक गणेष मंडल द्वारा किया गया ऐतिहासिक कवि सम्मेलन का आयोजन,, चल समारोह के केलेण्डर का कवियों एवं नगर के गणमान्य जनो द्वारा किया गया विमोचन

JHABUA ABHITAK

अमित शर्मा (झाबुआ अभीतक)
राजेन्द्र सोनी (झाबुआ )- सार्वजनिक गणेशमंडल राजवाडा चौक द्वारा 84 वें गणेशोत्सव के दौरान शनिवार रात्री को बृजेन्द्र शर्मा चुन्नु भाई एवं सुरेशचन्द्र जैन पप्पू भैया के सौजन्य से आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का सफल आयोजन हुआ । श्रोताओं ने रात्री दो बजे तक आमंत्रित कवियो  की रचनाओं का पाठ सुन कर जमकर दाद दी ।  कवि सम्मेलन के पूर्व भगवान श्री गणेजी के दर्शन वंदन के साथ ही  कवि सम्मेलन में पधारे कवियों एवं नगर के गणमान्यजनों की ओर से संरक्षक केके त्रिवेदी, अध्यक्ष राजेन्द्र अग्निहौत्री, महासचिव नानालाल कोठारी, संयोजक नीरजसिंह राठौर, नपा अध्यक्ष श्रीमती मन्नु डोडियार, मनीष व्यास, निसारखान पठान, रविराजसिंह राठौर,  भेरूसिंह चौहान तरंग,लालू भाई आदि ने नगर की साहित्यीक प्रतिभा एवं देश के मुर्धन्य कवि राम शकर चंचल का शाल श्रीफल एवं प्रतिक चिन्ह देकर नागरिक सम्मान किया । इस अवसर पर राजगढ नाका मित्र मंडल द्वारा  10 अक्टूबर बुधवार को नगर मे नवरात्री के प्रथम दिन निकाले जाने वाले भव्य ऐतिहासिक चल समारोह के  केलेण्डर का विमोचन  उपस्थित कवियों एवं नगर के गणमान्य जनो  एवं राजगढ नाका मित्र मंडल के ओम शर्मा, राकेश परमार, संजय शाह द्वारा करतल ध्वनि के बीच विमोचन किया गया।

इस अवसर पर सभी कवियों का स्वागत पुशपमालाओं एवं प्रतिक चिन्ह देकर किया गया।
कवि सम्मेलन के सूत्रधार मुबई लाफ्टर हंगामा अशोक सुंदरानी ने पहले कवि के रूप  में श्रृगार रस की सशक्त हस्ताक्षर मीरा दीक्षित को गणेश वंदना एवं सरस्वती वंदना के लिये  आमंत्रित किया । 

लमुंबई लाफ्टर शो के चर्चित कवि, चेतन चर्चित ने हनुमान जी पर कविता प्रस्तुत करते हुए कहा ’’ आंजनेय जय घो करे पूर्ण विव, कृपा बरसा तेरी सब पर घनी रहे ’’ तथा उनकी हास्य रचना ’’ दिल्ली में  केजरीवाल रायता फैला रहे, राहूलजी उपवास में भटूरे खा रहे, मोदीजी ने कहा पकोडे खाईये, राजनीति में वे हलवाई ला रहे’’ को काफी तालियां मिली । वह उनकी रचना जीवपन के नौ रसो में श्रृंगार होती है बेटिया को काफी पसंद किया गया।

राजस्थानी गीत के शहंशाह कहे जाने वाले बाबू बंजारा राजस्थान ने राजस्थानी लहजे में प्रस्तुत अपनी कविता गोहरी थारा गौरा हाथा मे  पहिना दूं चुडिया हरी हरी हरी, मुं मजनु तू लैला म्हारी, तु क्यो रेवे डरी डरी ’’ तथा उनकी देश प्रेम की रचना ’’ सीमा पे जाओं ऐ म्हारा साहिबा, थे बचाईलो म्हारो  दे...’’ तथा यौवन ने कई निरखों बलमा यो चाले चार दन, म्हारा यौवन से बडो म्हारों बडों म्हारो देस  थे बचाईलो म्हारो दे...’’ को काफी दाद मिली ।

कोटा राजस्थान से आये वीर रस के कवि संजय शुक्ला ने अपनी रचना’’ मातृ भूमि पर मर मिट जाना सबके बस की बात नही, पर श्रोताओं ने तालियां बजा कर स्वागत किया । 
श्रृंगार रस की कवियित्री मीरा दीक्षित ने श्रृंगार की रचना ’’ कोई इल्जाम सा लेकर हमारे सिर पर आया, तथा उनकी रचना ’’आओ  करीब प्यार से  कुछ बात कीजिये, यूं न गुजर जाये हंसी रात बात कीजिये’’ ।  को बहुत पसंद किया गया ।
हास्य कवि एवं अपने अलग अंदाज के लिये प्रसिद्ध जानी बैरागी की अपनी ही शेली में प्रस्तुत चुटकुलेबाजी के साथ ही अपनी पैनी धारधार कविता से श्रोताओं का काफी देर तक मनोरंजन किया । मां की कोख से तुने पहला कदम तुने यही रखा, इस माटी को तुने कई बार चखा है’’ को काफी पसंद किया गया । 
सूत्रधार अशोक संदरानी ने कवि सम्मेलन के अंत में अपनी रचना मे देश के जवान हनुंमथप्पा के बारे में अपनी रचना  को काफी पसंद किया गया । कवि सम्मेलन मे कवियों ने जहां  राजनेताओं को आडे हाथ लिया तो वही श्रृगार एवं गीत की निर्झरिणी में  श्रोताजन  देर रात्र तक कविताओं का लुफ्त उठाते रहें । पूरा राजवाडा चौक श्रोताओं से खचाखच दिखाई दिया ।
कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन संयोजक नीरजसिंह राठौर ने व्यक्त किया । समिति के महासचिव नानालाल कोठारी के अनुसार आज सोमवार को रात्री 8 बजे राजवाडा चौक के मंच पर धर्मेन्द्र मालवीय, शेलेन्द्र राठौर के संयोजन में  सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं नृत्य की प्रस्तुति  का  आयोजन होगा ।

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