"विकलांग केन्द्र" को दूसरी बार राष्ट्रीय पुरस्कार,निशक्तों की बेहतर सेवा के लिए 3 दिसम्बर को "दिल्ली" में मिलेगा पुरस्कार

JHABUA ABHITAK

अमित शर्मा 
झाबुआ-झाबुआ जिले के विकलांग पुनर्वास केन्द्र को दूसरी बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिल रहा है। दिल्ली से 2015-16 में दिव्यांगो की बेहतर सेवा के लिए झाबुआ केन्द्र को राष्ट्रीय पुरस्कार देने की घोषणा की गई। यह पुरस्कार 3 दिसम्बर को विश्व विकलांग दिवस के अवसर पर दिल्ली में मिलेगा। इसके पूर्व 2001 में भी झाबुआ विकलांग पुनर्वास केन्द्र को राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो चुका है।
2000 में झाबुआ से सटे रंगपुरा में विकलांग पुनर्वास केंन्द्र स्थापित हुआ। सामाजिक सेवा विभाग के अंतर्गत इस केन्द्र को स्थापित करने में तत्कालीन कलेक्टर ने व्यापक प्रयास किए। अपने पहले वर्ष में ही सेवा मामले में एक अच्छी साख इस संस्था ने बना ली। केन्द्र सरकार ने 2001 में राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जिसे तत्कालीन कलेक्टर ने दिल्ली जाकर राष्ट्रपति के हाथों ग्रहण किया।
{फाईल फोटो } जिला पंचायत सिइओ अनुराग चौधरी अनिभूति शिविर में

दूसरी बार चयन हुआ----
सामान्यतः किसी भी जिले को दूसरी बार राष्ट्रीय पुरस्कार नहीं मिल पाता है। लेकिन झाबुआ ने इस बडे पुरस्कार के लिए दूसरी बार चयनित होकर बडी उपलब्धि अर्जित करने में कामयाबी हासिल कर ली है। 2015-16 में किए गए कार्यो की सूची जब सामाजिक न्याय विभाग एवं अधिकारिता मंत्रालय के पास दिल्ली पंहुची तो तत्काल झाबुआ का नाम चयनित कर लिया गया। विश्व विकलांग दिवस 3 दिसम्बर को दिल्ली के विज्ञान भवन में शील्ड व प्रमाण पत्र देते हुए झाबुआ केन्द्र को सम्मानित किया जाएगा। 
ये रहे प्रमुख कार्य------
विकलांग पुनर्वास केन्द्र के माध्यम से जिले के 6 विकासखण्ड मुख्यालयो पर  अनुभूति अभियान के अंतर्गत विशेष शिविरों का आयोजन जिले में लगातार किया गया। इन शिविरों के माध्यम से 8 हजार 500 दिव्यांगजनों को लाभ पहुंचाया गया। कृत्रिम अंगों के वितरण के अलावा सर्जरी भी की गई। दो वाहनों के माध्यम से लगातार दिव्यांगजनों को सेवाएं दी जा रही है। जिले के 53 दिव्यांग बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय संचालित हो रहा है। जिसमें नवीन तकनीक से बच्चों को पढाया जाता है। फिजियोथेरेपी सेंटर पर प्रतिदिन 20-25 लोग आकर लाभ लेते है। आलीराजपुर जिला अलग होने के बाद भी लगातार वहां सेवाएं दी जा रही है। अब तक जिले के  19 हजार 300 दिव्यांगजनों को प्रमाण पत्र दिए जा चुके है। 
{फाईल फोटो } जिला पंचायत सिइओ अनुराग चौधरी अनिभूति शिविर में 

दृष्टिबाधितों के लिये संचालित है ब्रेल कम्प्यूटर लेब----
विकलांग पुनर्वास केन्द्र प्रदेश का एक मात्र ऐसा संस्थान बन गया है। जहां दृष्टि बाधित दिव्यांग बच्चो को कम्प्यूटर ज्ञान सीखाने के लिए ब्रेल साफ्टवेयर आधारित कम्प्यूटर लेब संचालित है और दृष्टि बाधित बच्चों को कम्प्यूटर संचालन का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

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