"सिलिकोसिस"से मृतकों के नहीं बनाए जा रहे बीमारी के मृत्यु प्रमाणपत्र

JHABUA ABHITAK


अमित शर्मा "झाबुआ अभीतक "
झाबुआ। सिलिकोसिस जैसी घातक बीमारी ने जिलेभर में अब तक सैकड़ों ग्रामीण महिला-पुरूषों की जान ले ली है और अभी भी सैकड़ों ग्रामीणजन इससे जूझ रहे है और वे शासन एवं जिला प्रशासन से उनके बीमारी के प्रमाण-पत्र बनवाए जाने और आर्थिक सहायता दिलवाने की मांग कर रहे है। सिलिकोसिस बिमारी से ग्राम गोलाछोटी निवासी बीजू पिता बदिया सिंगाड़िया की पिछले दिनों मृत्यु हो गई। वह गुजरात के गौधरा शहर में मजदूरी करने गया था वहीं सीमेंट एवं पत्थर फेक्ट्रीयों में कार्य कर वह इस रोग का शिकार हो गया। उपचार के अभाव में उसकी मृत्यु हो गई। मृतक के परिजनों ने बताया कि उसके सिलिकोसिस से मृत्यु का प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए वे श्रम विभाग के पिछले कई दिनों से चक्कर काट रहे है, उनकी इस रोग से मृत्यु का प्रमाण-पत्र नहीं बनाया जा रहा है। परिजनों के अनुसार उनके द्वारा ग्राम पंचायत से सिलिकोसिस बीमारी से मृत्यु की पुष्टि करवाई गई है, बावजूद श्रम विभाग द्वारा प्रमाण-पत्र नहंी बनाते हुए उन्हें यह कहा जा रहा है वे सीएमएचओ से लिखवाकर लाए। इसी तरह इसी गांव की एक अन्य महिला जोगी पिता कालू की भी इसी बीमारी से मृत्यु हो गई। उसका भी प्रमाण-पत्र बनाए जाने में श्रम विभाग लापरवाही बरत रहा है। सिलिकोसिस से निरंतर ग्रामीणों की मृत्यु हो रहीं है एवं कई ग्रामीण इस गंभीर बीमारी से ग्रस्त है, जिनकी सुध ना तो शासन और ना हीं सम्बंधित विभाग द्वारा ली जा रहीं है।
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