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एसपी जैन प्रेस कॉन्फ्रेंस लेते हुए |
अमित शर्मा
झाबुआ- पांच दिसबर 2016 को दोपहर को पोने दो बजे मृतक राधु पिता नाना पालिया उम्र 16 वर्ष नि. छोटी गेहलर झाबुआ अयोध्या बस्ती यू.को. बैंक की पीछे वाली गली से स्कूल से जा रहा था तब आरोपी बबलू पिता रोशन हरिजन उम्र करीब 17 वर्ष एव राजा उर्फ राजकुमार उर्फ सोन्ट्या पिता कैलाश मंडोडिया उम्र 16 वर्ष झाबुआ द्वारा राधु से पेसें मांगे गए। पैसे नहीं देने पर आरोपीगण ने उसके सीने, गले, व हाथ पर वार कर दिया जिसको उपचार के लिए जिला चिकित्सालय झाबुआ लोग 108 वाहन से ले गए थें। उपचार के दौरान राधु की मृत्यु हो गई।
मृतक राधु का भाई केकड़िया द्वारा रिपोर्ट लिखवाने पर थाना झाबुआ पर अपराध क्रंमांक 764/16 धारा 302, 34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
थाना प्रभारी ने 18 दिन में अभियोग प्रस्तुत किया----
थाना प्रभारी झाबुआ आर. सी. भास्करें द्वारा शीघ्रता से विवेचना कर अपराधी अवस्क होने से किशोर न्यायालय के समक्ष दिनांक 23.12.2016 को घटना के मात्र 18 दिन में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया।
प्रकरण गंभीर प्रवृत्ति का होने से तथा उसमें सात वर्ष से अधिक के कारावास से दण्डनीय होने से माननीय किशोर न्यायालय द्वारा किशोर न्याय अधिनियम संशोधित की धारा 15 में दिये प्रावधानों के तहत अभियुक्तगण/बाल अपचारी की मानसिकता और परिपक्वता के बारे में जांच की गई, जांच में दोनों आरेपीगण को अपराध की गंभीरता की समझ होना और उसके परिणाम की समझ होना किशोर न्यायालय द्वारा पाया गया। इस कारण किशोर न्यायालय ने किशोर न्याय अधिनियम की धारा 18(3) के तहत दोनां आरोपीगण का विचारण वयस्क आरेपीगण की भांति किये जाने के लिए बालक न्यायालय (सेशन न्यायालय) को प्रकरण भेजने का आदेश दिनांक 06.01.2017 को पारित किया।
दिनांक 06.01.2017 को बालक न्यायालय (सेशन न्यायालय) प्रकरण प्राप्त हुआ जो सत्र प्रकरण क्रमांक 01/17 पर दर्ज किया गया। किशोर न्यायालय के आदेश का परिक्षण माननीय सेशन न्यायालय द्वारा किया गया। आदेश उचित पाये जाने पर दिनांक 20.01.2017 को आरोपीगण पर धारा 302,34 भादवि एवं धारा 25-बी आर्म्स एक्ट के आरोप निर्धारित किये।
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थाना प्रभारी आर सी भास्कर |
दिनांक 06.02.2017 को प्रकरण प्रथम बार साक्ष्य हेतु नियत हुआ अभियोजन द्वरा प्रकरण में साक्षी 01) केकड़िया, 02) नाना, 03) फौलादी, 04) रविन्द्र, 05) बदिया, 06) जोतिया, 07) डॉ. एम.के. किराड़, 08) नायब तहसीलदार झाबुआ श्री केसरसिंह हाड़ा, 09) निरीक्षक आर.सी. भास्करे, 10) शांतिलाल बारिया प्रधानाध्यापक, 11) श्रीमति अरूणा वरदिया, 12) उ.नि. श्री राजीव ओसाल के कथन करवाए।
माननीय न्यायाधीश ने दिया फैसला--
मात्र 22 दिन के विचारण के पश्चात माननीय अपर सत्र. न्यायाधीश महोदय श्री ए.ए. खान द्वारा आज दिनांक 28.02.2017 को प्रकरण में निर्णय पारित किया दोनों आरोपीगण को दोषी पाते हुए धारा 302, भादवि में आजीवन कारावास एवं रू. 10-10 हजार अर्थदण्ड से तथा धारा 25-बी आर्म्स एक्ट में तीन-तीन वर्ष का कारावास व 5-5 हजार रूपयें के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री सौभाग्यसिंह खिंची द्वारा की गई तथा सहयोग उपसंचालक अभियोजन श्री के.एस. मुवेल द्वारा किया गया।
निर्भया काण्ड के पश्चात् किशोर न्याय अधिनियम के संशोधित प्रावधानों के तहत जिले का संभवतः प्रथम प्रकरण है जिसमें दो नाबालिग अपराधियों का धारा 302 भादवि में वयस्क आरोपीयों की तरह विचारण किया गया तथा उन्हे आजीवन कारावास से दण्डित किया गया।