अमित शर्मा
झाबुआ। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों बेतहाशा विद्युत कटोती हो रहीं है। पिछले दिनों जिले के दौरे पर आए आदिवासी तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के संभागीय उपायुक्त द्वारा जिले के छात्रावास-आश्रमों में अधीक्षक एवं सचालकों को रात 9 बजे तक आवयक रूप से बच्चों को भोजन देने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन रात में ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली नही होने से यहां स्थित छात्रावास-आश्रमों के बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वे खुले मैदान में भोजन करने को मजबूर है।
यह बात एवं आरोप जिला पंचायत एवं जिला कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया ने लगाए है। जिपं अध्यक्ष सुश्री भूरिया ने बताया कि इन दिनों जिले के ग्रामीण अंचलों में विद्युत मंडल द्वारा अत्यधिक विद्युत कटोती की जा रहीं है, जिससे अंचलों के रहवासियों का जीना मुकिल हो गया है। रात में वे अंधेरे में जीवन यापन करने को विवा हो रहे है। सबसे अधिक परेशानी गांवों में स्थित छात्रावास-आश्रमों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को हो रहीं है। एक ओर वे रात में अंधेरे में अध्ययन कार्य नहीं कर पा रहे है तो दूसरी ओर बिजली नहीं होने से उन्हें भोजन करने में भी काफी दिक्कते आ रहीं है।
इनवेटर के भी इंतजाम नहीं----
सुश्री भूरिया ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि छात्रावास-आश्रमों में बिजली चले जाने पर इनवेटर या अन्य कोई सुविधा भी नहीं है। ऐसे में उन्हें छात्रावास-आश्रमों के खुले बरामंदे में भोजन करने के साथ अध्ययन कार्य करने को मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि दूसरी ओर यहां पलंगो के अभाव के चलते एक पलंग पर दो-तीन छात्रों को सोना पड़ रहा है। कई जगहों पर छात्रावास-आश्रमों के भवनों की हालत भी काफी जीर्ण-शिर्ण है।
कर्मचारियों पर बनाया जा रहा दबाव----
जिपं अध्यक्ष सुश्री भूरिया ने कहा कि उच्च अधिकारी तो निर्देश देकर चले जाते है और जिले के अधिकारी उनका पालन करने के लिए छोटे कर्मचारियों पर दबाव बनाते है। कर्मचारियों को अव्यवस्थाओं के बीच भी कार्य करने को विवा होना पड़ता है और जब व्यवस्था चाॅक-चैबंद नहीं मिलती है तो अधिकारियों द्वारा इसकी गाज कर्मचारियों पर गिराई जाती है। जिपं अध्यक्ष सुश्री भूरिया ने छात्रावास-आश्रमों कीं व्यवस्थाओं में सुधार की मांग जिला प्रशासन से की है।