तीसरे पहर येसु ने त्यागे अपने प्राण, ईसाई समुदाय ने मनाया गुड फ्राईडे पर्व

JHABUA ABHITAK

(झाबुआ अभीतक)
झाबुआ। ʺसब पुरा हो चुका हैं˝, और इन शब्दों के साथ येसु ने अपनी आंखे बंद कर ली। पवित्र शुक्रवार या गुंड फ्राईडे समस्त संसार में ईसाईयों के मुख्य त्योहार के रूप में माना जाता है। आज के दिन को प्रभु येसु के लोगों के हितार्थ प्राण त्यागने के लिए जाना जाता है। प्रभु येसु के इस दुख भोग को मनाने के लिए प्रभु येसु के दुख भोग की तैयारी ईसाई लोगों ने राख बुध से शुरू की है चालीस दिनों तक त्याग तपस्या कर अपने आप को इस पुण्य सप्ताह के लिए तैयार किया है। कल पवित्र गुरूवार को प्रभु येसु अपने शी शिष्यो के साथ अंतिम भोजन करते है और भ्रात्रिय प्रेम का सबसे बडा उदाहरण समाज के सामने प्रस्तुत करते है वह है अपने स्वयं के ियों के पैर धोना। इस क्रिया से उन्होने मानव जाति के साथ एक माधुर्य संबंध को प्रकट किया। आज पुण्य शुक्रवार को येसु की प्रेममय विचार धारा के विरोधियों द्वारा येसु को पकडा जाता है, उनसे क्रुस उठवाया जाता है और उसी क्रुस पर किलों द्वारा येसु को ठेक दिया जाता है। सत्य हमेा सत्य विजय होता है। इसका उदाहरण येसु ने अपने कु्रस से हम सभी को प्रदान किया है। येसु ने क्रुस पर टंगे रहते हुए अपने प्राणों का समर्पित करने से पहले उन्हे मृत्यु दंड देने वालों को क्षमा कर के हम सभी के सामने एक सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया है। 
पवित्र कु्रस मार्ग की शुरूआत न्यू कैथोलिक मिशन स्कूल प्रांगण से हुई। हजारों की संख्या में समाजजनों ने इसमें भाग लेकर प्रभु येसु ख्रीस्त के दुखभोग में अपनी भागीदारी निभाई। भारी भरकम क्रुस को कई लोगों ने अपने कंधों पर उठा कर क्रुस मार्ग तय किया। पहला विश्राम डुगरा गांव के विवासियों द्वारा, दुसरा विश्राम किनपुरी गडवाडा, तीसरा विश्राम मींडल बाटिया बईडी, चौथा विश्राम बिजिया डुंगरी, पांचवां हुडा मारूती नगर, छठवां हाउसिंग बोर्ड विवेकानंद कॉलोनी, सातवां विश्राम डीआरपी लाईन, आठवां विश्राम मेघनगर नाका, नौवां विश्राम प्रेातालय के ब्रदरों द्वारा, दसवां विश्राम होली फेमिली व मिन सिस्टर्स, ग्यारहवां विश्राम बारिया फलिया गेल टॉउन, बारहवां विश्राम झाबुआ पल्ली के पुरोहितगण, तेहरवां विश्राम राजपुराना बोर्डिग हाउस क्षेत्र, चौहदवां विश्राम संत जोसफ व मदर टेरेसा सिस्टर्स द्वारा संचालित किया गया। कुछ विश्रामों पर लोगों के अभिनय द्वारा येसु के दुखभोग का चित्रण किया गया। 
पवित्र शुक्रवार की मुख्य धर्म विधी
लगभग 3 बजे प्रभु येसु ख्रीस्त की मृत्यु का समय माना जाता है। चर्च प्रांगण में दुखभोग की धर्म विधी फादर स्टीफन वीटी के मार्गर्दान में अन्य पुरोहितों के साथ शुरू हुई। मुख्य वेदी के सामने साटांग की मुद्रा में अपने आप को समर्पित किया। उसके बाद पाठों का वाचन किया गया। पहला पाठ नबी ईसायस के ग्रंथ से, दुसरा पाठ ईब्रानियों के नाम संत पोलुस के पत्र से, औ सुचमाचार संत योहन के सुसमाचार से लिया गया। प्रभु येसु ख्रीस्त के दुखभोग की संपूर्ण घटना का विस्तार से वाचन किया गया। तत्पचात विवासियों के निवेदन पढे गए। जिसे आज के दिन महाप्रार्थना कहा जाता है। इस महाप्रार्थना में समस्त मानव जाती की सुख शाति के लिए प्रार्थना की जाती है। 
क्रुस की उपासना
पवित्र शुक्रवार के दिन विश्व भर में पवित्र मिस्सा का अनुठान नही किया जाता है। आज इसके इस धर्म विधि के दुसरे भाग में क्रुस की उपासना की जाती है। सबसे पहले क्रुस का अनावरण किया जाता है पुरोहित कहते कु्रस के कांट को देखिये जिस पर संसार के मुक्तिदाता टंगे थे। लोगों का प्रति उत्तर होता है आईये हम इसकी आराधना करें और इसी के साथ येसु मसीह की मृत्यु की घोणा हो जाती है। इसके बाद सभी लोगों द्वारा क्रुस का चुम्भन किया गया।
कडवा पानी का वितरण
सदियों से ये प्रथा चली आई है कि पवित्र शुक्रवार की धर्मविधि के उपरांत प्रभु येसु ख्रीस्त की मृत्यु पर दुख प्रकट करते हुए लोग कडवे पानी का सेवन करते है। यह कडवा पानी लोगों को प्रभु येसु ख्रीस्त के दुखभोग की याद दिलाता है। इसी के साथ पास्का रात्रि जागरण तक  लोग सभी प्रकार के मनोरंजनों का त्याग करते है आवयकता होने पर ही बात करते है अन्यथा वे प्रभु येसु ख्रीस्त की मृत्यु पर मनन चिंतन करते है। 
पवित्र शनिवार......
सुबह 8 बजे महागिरजाघर झाबुआ में दुखित माता के हदय के प्रति प्रार्थना की जाती है जिस प्रकार मृत्यू उपरात परिवारों को लोग सांत्वना देने जाते है उसी प्रकार मां मरियम के साथ बैठ कर लोग प्रभु येसु ख्रीस्त की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते है। यह भी एक मुख्य प्रार्थना होती है। उक्त जानकारी डायोसिस पीआरओ रॉकी शाह ने दी।

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