अमित शर्मा
झाबुआ-"में तो अकेला ही चला था लोग मिलते गए कारवाँ बनता गया" उक्त पक्ति को चरितार्थ कर रही हे झाबुआ एसपी की कार्यप्रणाली । झाबुआ की हाथीपावा की पहाड़ियों को हरि चादर से ढकने का जो बीड़ा उठाया हे उसके तहत आज रविवार को पुलिस विभाग फॉरेस्ट विभाग ,एव झाबुआ के सेकड़ो लोगो ने सुबह सात से नो बजे तक श्रमदान किया। महिलाये एव पुरुष एक श्रंखला बनाकर तन्मयता से कार्य करते हुए नजर आ रहे थे कोई फावड़े से मिटटी भर रहा था कोई तगारी उठाकर गड्ढो में डाल रहा था। सभी धर्म सम्प्रदाय के लोग निस्वार्थ भाव से अपने कर्तव्य को पूर्ण कर रहे थे उर्स कमेटी ,बिशप बसिल भूरिया एव उनके साथ पुरोहितगण ,गायत्री परिवार,एव सामाजिक संस्थाओ का यह सामूहिक श्रमदान देखते ही बन रहा था ।
गत शुक्रवार शाम पैलेस गार्डन में पुलिस अधीक्षक द्वारा बैठक का आयोजन कर सभी समाज, वर्ग एवं धर्म के लोगों से आव्हान किया गया था की हाथिपावा की पहाडियों को हराभरा करने के लिए सहयोग प्रदान करें। जिसके चलते सभी समाज वर्ग एवं धर्म के लोगों ने अपना कदम आगे बढाया और पुलिस कप्तान की इस अनुठी पहल में सहभागी बने ।
उल्लेखनीय हे की हाथिपावा की पहाडियों पर 8 हजार 5 सौं खडढें पौधे लगाने के लिए फारेस्ट विभाग की मदद से खोदे गए है। जिनमें काली मिटटी का भराव कर उसे वृक्षारोपण के लिए तैयार कर लिया गया है। जिसमे नीम, पीपल,जंगल जलेबी, आदि पेड़ लगाए जाएंगे ,तथा उनकि देख रेख एव हिफाजत के लिए गार्ड की नियुक्ति भी की जायेगी । एसपी जैन ने जनमानस को संबोधित करते हुए भी कहा की कम से कम एक पेड़ अपने पूर्वजो की याद में लगाए एव उसे बड़ा करने की जिम्मेदारी भी ले । हर पेड़ की नंबरिंग की जावेगी और एक प्लेट बनवाई जायेगी जिससे सम्भंदित को अपना पेड़ याद रह सके व उसकी देखभाल कर सके। डीएफओ खरे ने बताया की एको टूरिस्म की दृष्टि से भी हाथीपावा को बढ़ावा मिल सकता हे । झाबुआ एसपी के इस पर्यावरण प्रेम की और झाबुआ को निस्वार्थ भाव से हाथीपावा की पहाड़ी पर सौगात देने की इस सार्थक पहल की सर्वत्र प्रशसा हो रही हे ।
निक्लेश डामोर ने बताया की इसी तातम्यता में बिशप बसील भूरिया एसवीडी ने उस आमंत्रण को स्वीकार करते हुए रविवार को अपने कुछ पुरोहितों एवं भाई बहनों के साथ बडी संख्या में पहुंच कर वहां पर श्रमदान किया। ज्ञातव्य है कि प्रत्येक रविवार की सुबह को सभी कैथोलिक भाई बहनों को पवित्र मिस्सा पूजा में भाग लेना अनिवार्य है। कैथोलिक ईसाइ समाज के सर्वोच्च धर्म गुरू संत पिता फ्रांसीस ने अपने उदबोधन में सभी ईसाइ भाई बहनों से आव्हान किया है कि ईशवर द्वारा रचि गई इस प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करें। इन्ही विचारों को ध्यान में रखते हुए पुलिस अधीक्षक के आमंत्रण को स्वीकार किया गया। तब पहले श्रमदान फिर प्रार्थना का निश्चयय करते हुए बिशप बसील ने अपने तय कार्याक्रमों को स्थगित कर फादर अंतोन कटारा, फादर पीटर कटारा, फादर सोनु वसुनिया, डायोसिस पीआरओ फादर रॉकी शाह के साथ कई समाजजनों को साथ लेकर जिनमें विशेष रूप से युवक युवतियां सम्मिलित थे, पहाडी पर पहुंच कर श्रमदान किया।