अमित शर्मा
झाबुआ। आज पूरे अंचल में हिन्दूधर्मावंबी महिलायें अपने पति के दीर्घ जीवन की कामना के लिये पूरे दिन निराहार रह कर निर्जला रह कर इस व्रत को करेगी। भारतीय संस्कृति में हर माह हर दिन त्यौहार होता है, संस्कृति में मातृषक्ति अपने घर परिवार,पति की सुख समृद्धि के लिये ढेरो व्रत करती है । इसी मे एक व्रत है करवा चैथ का। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चैथ का व्रत किया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चैथ के व्रत का पूर्ण विर्ण वामन पुराण में किया गया है।इस वर्ष करवा चैथ का व्रत 19 अक्टूबर को रखा जाएगा। करवा चैथ की पूजन विधि के बारे में बताते हुए पण्डित जैमिनी शुक्ला का कहना है कि नारद पुराण के अनुसार इस दिन भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। करवा चैथ की पूजा करने के लिए बालू या सफेद मिट्टी की एक वेदी बनाकर भगवान शिव- देवी पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, चंद्रमा एवं गणेशजी को स्थापित कर उनकी विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए।पूजा के बाद करवा चैथ की कथा सुननी चाहिए तथा चंद्रमा को अघर्््य देकर छलनी से अपने पति को देखना चाहिए। पति के हाथों से ही पानी पीकर व्रत खोलना चाहिए। इस प्रकार व्रत को सोलह या बारह वर्षों तक करके उद्यापन कर देना चाहिए