गणगौर उत्सव के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रम का किया गया आयोजन,,भगौरिया नृत्य रहा मुख्य आकर्षण का केंद,बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ एवं पानी बचाओ-वृक्ष लगाओं का दिया गया संदेष

JHABUA ABHITAK

अमित शर्मा 
झाबुआ। गणगौर उत्सव समिति राजवाड़ा चौक के तत्वावधान में 4 दिवसीय गणगौर उत्सव स्थानीय पैलेस गार्डन में धूमधाम से मनाया जा रहा है। शनिवार रात्रि 7 से 10 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें भगौरिया नृत्य की प्रस्तुति को सभी ने सराहा। इस दौरान माहेष्वरी समाज की ओर से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं का संदेष एवं पानी बचाओ-वृक्ष लगाओं का संदेष दिया गया। आयोजन में महिलाओं के याथ युवतियों एवं बालिकाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। 
राजपूत समाज, माहेष्वरी समाज, सोनी समाज, रजत समाज, अरोड़ा समाज, ब्राहा्राण समाज, पाटीदार समाज, गवली समाज, भावसार समाज, नीमा समाज सहित अन्य समाज की महिलाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में सहभागिता कर एकल, युगल एवं सामूहिक नृत्य की प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम में निणार्यक के रूप में रोटरी इन्हरव्हील क्लब युवा शक्ति की अध्यक्ष डाॅ. शेलु बाबेल एवं शक्ति एंपोरियम की हर्षा गिधवानी उपस्थित थी। 

इन्होंने पुरस्कार प्राप्त किया----
एकल नृत्य में  सपना पंवार प्रथम, अनिता पंवार द्वितीय एवं सुनिता सोनी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। युगल नृत्य में श्यामल अरोरा एवं आकांक्षा अरोरा प्रथम, भावना माहेष्वरी एवं वीना बागड़ द्वितीय तथा विजया बजाज एवं दिव्या जाखेड़िया तृतीय स्थान पर रहीं। समूह नृत्य में प्रथम अंजू सोनी, प्रियंका माहेष्वरी, मीना सोनी एवं स्वीटी सोनी ने प्रथम स्थान, नीता माहेष्वरी, रितु सोड़ानी एवं मेघा बागड़ तथा राखी माहेष्वरी ने द्वितीय और तृतीय पुरस्कार इंदू अरोऱा, आंकाक्षा अरोऱा, सुरभि अरोऱा, प्रतिक्षा अरोरा, पूर्वी अरेाऱा एवं श्यामल अरोरा ने हासिल किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सकल हिन्दू समाज की महिलाएं उपस्थित थी।
शोभायात्रा को ऐतिहासिक बनाने का किया आव्हान
इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक नीरजसिंह राठौर ने समाज की एकजुटता पर बल देते हुए कहा कि गणगौर की शोभायात्रा को हमे ऐतिहासिक बनाना है, यह हम सभी की सहभागिता से ही संभव है। श्री राठौर ने महारानी श्रीमती भगवती देवी का बधाई संदेष भी इस दौरान नगर की महिलाओं को सुनाया। शोभायात्रा 20 मार्च को शहर के राजवाड़ा चैक से प्रारंभ होगी। सांस्कृतिक कार्यक्रम को सफल बनाने में नानालाल कोठारी, रविराजसिंह राठौर, अजय रामावत, अषोक शर्मा आदि का सराहनीय सहयोग रहा। संचालन कुंता सोनी ने किया एवं आभार देवकन्या सोनगरा ने माना। 

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