अमित शर्मा
झाबुआ-आदि गुरू शंकराचार्य की अष्टधातु की प्रतिमा निर्माण के प्रदेश में आयोजित गई एकात्म यात्रा ने आज झाबुआ जिले में ग्राम बन से प्रवेश किया। एकात्म यात्रा का जिले में प्रवेश पर भव्य स्वागत किया गया। जिले की सीमा पर एकात्म यात्रा में सम्मिलित संत संवित सोमगिरी जी महाराज, भूमानंद महाराज एवं म.प्र. गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड उपाध्यक्ष नारायण व्यास एवं अन्य यात्रा दल सदस्यों का स्वागत विधायक श्री शांतिलाल बिलवाल, अपर कलेक्टर श्री एसपीएस चौहान, एसपी श्री महेशचन्द्र जैन, सहित बडी संख्या में ग्रामीणजनो ने पारंपरिक नृत्य के साथ पुष्पमाला व पुष्पवर्षा कर किया। यात्रा में ध्वज, चरण पादुकांए, कलश का पूजन करके जिले में यात्रा की अगवानी की गई। जिले में एडीएम श्री चौहान ने चरण पादुका और एसपी श्री महेशचंन्द्र जैन ने ध्वज प्राप्त कर ग्रामीण जनो के साथ जिले में यात्रा को आगे बढाया। महिलाएं एवं बालिकाएं कलश सिर पर उठाए यात्रा में सम्मिलित हुई।यात्रा के आगमन पर ध्वजा, कलश को जन प्रतिनिधि, अधिकारी, ग्रामीणजनो ने पूरे उत्साह से हाथो और सिर पर उठाया। ग्राम बन में ग्रामीणजनो ने सरपंच मुकेश सिंगाड के नेतृत्व में एवं राणापुर में नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सुनीता गोविंद अजनार के नेतृत्व में यात्रा का जोरदार स्वागत किया गया। वन आश्रम में संगोष्ठी एवं भजन कार्यक्रम आयोजित हुआ। यहां संतजनो ने आदि गुरू शंकराचार्य के चित्र एवं कलश का पूजन करते हुए दीप प्रज्जवलित करके संगोष्ठी कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
भारतीय संस्कृति के अनुसार जीने का आव्हान----
इस अवसर साधु संतो का पुष्पमाला एवं शाल श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। संतजनों ने कन्या पूजन किया। म.प्र. गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड उपाध्यक्ष व्यास ने एकात्म यात्रा के आयोजन पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होने आदि गुरू शंकराचार्य के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उक्त यात्रा के उद्देश्य पर विस्तार से जानकारी दी। संगोष्ठी कार्यक्रम में संत संवित सोमगिरी महाराज ने भारतीय संस्कृति के महत्व और दर्शन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए भारतीय संस्कृति के अनुसार जीवन जीने के सिद्धातो का आव्हान किया। उन्होने सौर उर्जा उत्पादन एवं उपयोग का भी आव्हान किया। गाय के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी।संगोष्ठी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संत सोमगिरी ने कहा, मनुष्य का जीवन दुर्लभी है। इस जीवन में मनुष्य को सद्कर्म करना चाहिए। उन्होने बुराईयों को त्यागने और अच्छाईयों को आत्मसात करने का आव्हान किया। उन्होने बालिका शिक्षा, महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए भ्रूण हत्या महिला अत्याचार के विरोध में खडे होने की बात कही। संत भूमानंद महाराज ने भी संगोष्ठी में आम जन से जीवन दर्शन के बारे में संवाद किया। कार्यक्रम में बडी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे। एकात्म यात्रा के स्वागत अभिनंदन हेतु यात्रा मार्ग में जगह-जगह स्वागत द्वार बनाये गये एवं विभिन्न ग्राम पंचायतों के द्वारा धातु के कलश जिस में ग्राम पंचायत की मिट्टी का संग्रहण किया गया था वो यात्रा में भेंट की गई।