अमित शर्मा
झाबुआ। स्थानीय ब्लॉक कॉलोनी स्थित शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में निःषुल्क दो दिवसीय आयुष मेगा षिविर (आयुष रोग निदान एवं चिकित्सा षिविर) का सोमवार को शुभारंभ हुआ। शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विधायक झाबुआ शांतिलाल बिलवाल उपस्थित थे। अध्यक्षता जिला आयुष अधिकारी डॉ. रमेष भायल ने की। स्वागत भाषण जिला आयुष अधिकारी डॉ. रमेष भायल ने देते हुए चिकित्सा षिविर में बारे में बताया कि यह षिविर दो दिनों का है। जिसमें पंचकर्म थैरॉपी से मरीजों की हर प्रकार की बिमारियों का उपचार किया जाना है।
आधुनिक मषीनों का किया निरीक्षण
इस अवसर पर पं. गणेषप्रसाद उपाध्याय, पीडी रायपुरिया, रविराजसिंह राठौर, अजय रामावत, जितेन्द्र शाह, पद्युमन पाठक, एपी पाठक, श्री संघ अध्यक्ष धर्मचन्द्र मेहता आदि उपस्थित थे।
झाबुआ। स्थानीय ब्लॉक कॉलोनी स्थित शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में निःषुल्क दो दिवसीय आयुष मेगा षिविर (आयुष रोग निदान एवं चिकित्सा षिविर) का सोमवार को शुभारंभ हुआ। शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विधायक झाबुआ शांतिलाल बिलवाल उपस्थित थे। अध्यक्षता जिला आयुष अधिकारी डॉ. रमेष भायल ने की। स्वागत भाषण जिला आयुष अधिकारी डॉ. रमेष भायल ने देते हुए चिकित्सा षिविर में बारे में बताया कि यह षिविर दो दिनों का है। जिसमें पंचकर्म थैरॉपी से मरीजों की हर प्रकार की बिमारियों का उपचार किया जाना है।
कलेक्टरएव सीइओ ने किया अवलोकन--
आयोजन का अवलोकन करने दोपहर डेढ़ बजे कलेक्टर आषीष सक्सेना एवं जिला पंचायत सीईओ अनुराग चौधरी भी पहुंचे और उन्होंने भी षिविर स्थल की व्यवस्थाएं देखी गई। इस दौरान कलेक्टर श्री सक्सेना ने कहा कि आयुष विभाग का यह एक अच्छा प्रयास है। उन्होंने आषा व्यक्त की कि निष्चित ही पंचकर्म थैरापी पद्धति से रोगियों का राहत मिलेगी। जिसमें विषेष रूप से वात रोग (घुटने, कमर, कंधे एवं जोड़ों) का दर्द का निवारण इस पद्धति से किया जाएगा। षिविर में जिले के 11 आयुर्वेद के विषेषज्ञ चिकित्सक के साथ कर्मचारी भी अपनी सेवाएं दे रहे है। मंगलवार को समापन होगा। मुख्य अतिथि विधायक श्री बिलवाल ने बताया कि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति वर्षों पुरानी पद्धति है। इस पद्धति से उपचार से मरीज को तुरंत लाभ प्राप्त होता है एवं रोगों का स्थायी समाधान भी होता है। उन्होंने बताया कि षिविर में पंचकर्म थैरॉपी की आधुनिक एवं उच्च तकनीकी की मषीने भी लगी हुई है। जिससे मरीज को ईलाज के दौरान किसी प्रकार को कोई परेषानी नहीं होगी एवं उपचार के बाद उनके कुछ देर आराम के लिए चिकित्सलाय प्रबंधन द्वारा पलंगां एवं गद्दों की भी व्यवस्था की गई। उन्होंने संपूर्ण जिलेवासियों से इस षिविर का अधिकाधिक लाभ लेने का आव्हान किया एवं षिविर में हर संभव मद्द करने की भी बात कहीं। प्रथम दिन शिविर सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक चला। षिविर का लाभ शहर सहित आसपास के क्षेत्रों से आए लोगों ने भी लिया। षिविर में चिकित्सक के रूप में आयुर्वेद के डॉ. रमेष भायल, डॉ. मीना भायल के साथ डॉ. कैलाष पाटीदार, डॉ. पार्वती रावत, डॉ. संजय पाटीदार, डॉ. षिल्पा डावर, डॉ. नलिम मंडलोई, डॉ. राकेष अवासिया, डॉ. अरविंद पंवार, डॉ. निलिमा भिड़े, डॉ. सुनिता खराड़ी आदि ने रोगियों को मषीनों द्वारा पंचकर्म थैरॉपी के माध्यम से उनका उपचार किया। उक्त पद्धति से उपचार के बाद बाद वात के कई रोगियों ने दर्द से काफी राहत भी महसूस की। आयुर्वेदिक चिकित्सालय के कर्मचारियों में श्रीमती मंजुला देराश्री, ओम राठौर, तैययबा यास्मीन, गोपाल मोर्य, श्रीमती फिटवेल ने भी अपनी सराहनीय सेवाएं दी। षिविर में पंजीयन का कार्य जन सेवा संघ के वरिष्ठ एचके पाठक एवं जिला पेषनर्स एसोसिएषन के अध्यक्ष रतनसिंह राठौर आदि द्वारा किया गया।आधुनिक मषीनों का किया निरीक्षण
इस अवसर पर पं. गणेषप्रसाद उपाध्याय, पीडी रायपुरिया, रविराजसिंह राठौर, अजय रामावत, जितेन्द्र शाह, पद्युमन पाठक, एपी पाठक, श्री संघ अध्यक्ष धर्मचन्द्र मेहता आदि उपस्थित थे।