सूरि मंत्र प्रथम पीठ 21 दिवसीय साधना की पूर्णाहुति पर आज हुआ महामांगलिक का भव्य आयोजन

JHABUA ABHITAK

अमित शर्मा
झाबुआ । गौरीपार्ष्वनाथ जैन मंदीर से आचार्य श्री का मौन मांगलीक कक्ष से बाहर आयें सभी भक्तों ने दर्षन किय ओर आचार्य श्री की जयजयकार से पुरा जिनालय गुंज उठा। दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वर जी म.सा. की पाट परम्परा के अष्ठम पटधर वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पावनतम निश्रा एवं पूज्य मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जिनचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जीतचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जनकचन्द्रविजयजी म.सा., साध्वी श्री रत्नरेखाश्री जी म.सा., साध्वी श्री अनुभवदृष्टाश्री जी म.सा., साध्वी श्री कल्पदर्शिताश्री जी म.सा. आदि ठाणा की सानिध्यता में झाबुआ शहर में वर्षावास 2017 के दौरान शहनाई गार्डन में सूरि मंत्र प्रथम पीठ की 21 दिवसीय साधना की महामांगलिक का भव्य आयोजन किया गया ।

श्रीसंघ के मीडिया प्रभारी रिंन्कु रूनवाल ने बताया कि इस महामांगलिक में श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा तीर्थ के महामंत्री फतेहलाल कोठारी, मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, कोषाध्यक्ष हुक्मीचंदजी वागरेचा, जयंतिलाल बाफना, बाबुलाल खिमेसरा, राज्यसभा सांसद मेघराज जैन एवं विशेष आमंत्रित सदस्य मांगीलाल रामाणी, आनन्दीलाल अम्बोर, ट्रस्टी मेघराजजी जैन, संजय सराफ, बाबुलाल धुम्बड़िया, मनोहर मोदी, संजय कोठारी,  प्रकाश छाजेड़, शौकिन जैन नीमच, पी.सी. जैन बांसवाड़ा व क्षेत्रीय सांसद कांतिलाल भूरिया,विकं्रात भूरिया, जिला कलेक्टर आशीष सक्सेना, धार विधायक नीना वर्मा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री विक्रम वर्मा, अनिल बाबा, फुटरमल रामाणी सहित हजारों त्रिस्तुतिक जैन संघ के पदाधिकारी अतिथि के रुप में उपस्थित रहे। आचार्यश्री महामांगलिक से पूर्व लाभार्थी संतोष नाकोड़ा के निवास पर केसर पगलिये हेतु चतुर्विध संघ के साथ पहुंचे । वहा से विशाल चल समारोह के साथ नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुये महामांगलिक स्थल पर पहुंचे । चल समारोह में 21 महिलाऐं सिर पर कलश धारण किये हुये चल रही थी । कलशधारी महिलाओं ने आचार्यश्री की आगवानी महामांगलिक पाण्डाल के मुख्य द्वार पर की । महामांगलिक के श्रवण हेतु मेघनगर, थांदला, पेटलावद, राणापुर, जोबट, अलिराजपुर, कुक्षी, बडवानी, बाग, टाण्डा, रिंगनोद, राजगढ़, धार, बदनावर, बड़नगर, उज्जैन, नागदा, खाचरौद, देवास, इन्दौर, मुम्बई, अहमदाबाद सहित मालवांचल व देशभर के 150 से अधिक श्रीसंघ व 10 से अधिक ट्रस्ट मण्डल के ट्रस्टीगण उपस्थित हुऐ ।
महामांगलिक में प्रथम गहुली करने का लाभ श्रीमती श्वेता नरेशजी भण्डारी उज्जैन ने लिया एवं आचार्य के चरणों का प्रथम गुरु पूजन करने का लाभ मेघराज चम्पालालजी जैन लोढ़ा राज्यसभा सांसद ने लिया इस अवसर पर झाबुआ राजवाडा राज परिवार से श्रीमंत नरेन्द्रसिंह जी राजा साहब ने आचार्यश्री को कामली अर्पित कर उन्हें अभिनन्दन पत्र भेंट कर झाबुआ की भूमि पर अभिनन्दन किया । इस अवसर पर आचार्यश्री ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. ने कहा कि सूरिमंत्र की आराधना आचार्य पाट परम्परा में करना अनिवार्य होता है । इसमें सर्वप्रथम मां सरस्वती प्रथम पीठ की 21 दिवसीय आराधना की जाती है । आराधना के दौरान निरन्तर 8-8 घण्टे तक जाप की प्रक्रियाऐं रहती है मानव स्वभाव में मन, वचन, काया से जो पाप बांधे जाते है उनकी क्षमायाचना की जाती है । जो व्यक्ति इन पापों से दूर हो जाता है वह सब कुछ पा लेता है । मानव मन नेत्र से भी पाप बंधते है तो वाणी से भी पाप बंधते है और काया से भी पाप बंधते है इन पापों की क्षमायाचना कर साधना-आराधना में जुड़ना पड़ता है । साथ ही आचार्यश्री ने अपनी साधना आराधना के दौरान जो जो घटना क्रम घटे और अपने आराधना की पूरी प्रक्रिया को समाजजनों को अवगत कराया साथ ही आचार्यश्री ने विभिन्न मुद्राओं के साथ गणधर गौतम स्वामी जी प्रतिमा पर वासक्षेप पूजन भी किया । आचार्यश्री ने बताया कि जब मेने आचार्यपद पाया था तब आचार्यपदवी के समय समाज के हमारे कर्मठ ट्रस्टी जयंतिलाल बाफना, राज्यसभा सांसद को ’’जैनरत्न’’ एवं तीर्थ के मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ को तीर्थरत्न की उपाधि से अलंकृत करने की घोषणा की थी आज तीनों विभूतियों को जैनरत्न एवं तीर्थरत्न की उपाधि से अलंकृत करता हूॅं ।इस अवसर पर श्री मोहनखेड़ा तीर्थ ट्रस्ट मण्डल के पदाधिकारीयों एवं विशिष्ठ समाजजनों व चातुर्मास समिति के पदाधिकारीयों ने समाज की विभूतियों का सम्मान बहुमान किया आचार्यश्री ने इन्हें रजत अलंकरण पत्र भेंट किये । मंच का संचालन नरेन्द्र वाणीगोता मुम्बई ने किया 

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